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लेखनी प्रतियोगिता -04-Nov-2022

मेरे क़दमों के निशां अभी तक

तेरी दहलीज पर मोजूद होंगे
तु अपने दिल को टटोल कर
ज़रा देख तो  ले
मेरी तस्वीर भी
होगी कहीं वहीं
दबी पड़ी कोने में
एक बार मेरी तस्वीर से
तु नज़र मिला तो सही
तेरी सुस्त पड़ी धड़कनों में
फिर से रफ्तार आएगी
झांकेगी फिर तु मेरे दिल में
खुद  गिरफ्तार पाएगी

झांकेगी फिर तु म

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10 Comments

Gunjan Kamal

16-Nov-2022 08:11 AM

Nice 👍🏼

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Suryansh

08-Nov-2022 09:41 AM

बहुत ही सुंदर सृजन

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Mithi . S

05-Nov-2022 02:56 PM

Bahut achhi rachana

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